Saturday

हेला ( पच्चीसी )

कल्ला कीरत रावली , हेलो कोस हजार !
बांव पकड़ बिठा करो , अरवडिया आधार !! १ !!
पावडिया पत्रों लड़े , जयमल महलां बीच !
राय आंगण कल्लो लड़े , केसर हंदा कीच !! २ !!
कल्लो लड़े कबाण सूं , माथे जस रो मोड़ !
छपना में छोला करे , राज कुली राठौड़ !! ३ !!
प्याला केसर पीवणा , साँझ पड्यां सुबियाणा !
मुआ उगावे मानवी , काठा रंग कल्याण !! ४ !!
कलि चत्रगढ़ कांगरे, रहियो कमधज राय !
जाती जमी सिसोदिया , कमी न राखी काय !! ५ !!
कली कला सूं कद्दियों , लांखा हड धर लेर !
तीन पहर लग आसटी , शीश पडयो शमशेर !! ६ !!
पाधर यवानां पाडिया , ढाला सांकर डाण !
कलो हला पर कोपियो , रड दला रणराणा !! ७ !!
गेमर डेना ग1ईयाँ , खग झाटा खुरशाण !
कलो हला पर कोपियो , रड दला रणराणा !! ८ !!
तोड़ हला अकबर तणां,तैग झला ता ठौड़ !
भला करण दल भांजणा , रंग कला राठौड़ !! ९ !!
पांव धरे इक पौवड़ो, हेले कोस हजार !
तो वेला आवे कलो, दुनियां रो दातार !! १० !!
कले गडयो गारमो , दीज्यो रिझवन हाथ !
पहला पांव कल्याण ने , पछे संग रो साथ !! ११ !!
नव कुल नाग रनेलियो, नव खंड किधो नाम !
चत्रगढ़ भंगी जे निदा , कमधज आयो काम !! १२ !!
संवत सोल चौविसवा , हलत तोप हिंदवाण !
जयमलजी ने पुझ ले चक्कर तेज चलाण !! १३ !!
भावज हदा बोलणा , छप्पन दिनों छोड़ !
गढ़ रुड़ेला प्रकटीयो ,चडियो गढ़ चितौड !! १४ !!
पाडनपर मारू यूँ कहे , हूँ झेलूं हिदबाण !
राणा बिडों बं1टीयो , कुण झेले हिदबाण !! १५ !!
कमधज मारू यूँ कहे , हूँ झेलूं हिदबाण !
छप्पन धरा रो राजवी , असलां रो कुल भांण !! १६ !!
घोडा पाखर घुगरा भरहर भालो हाथ !
काछी आवे कूदता , कल्ला मारू साथ !! १७ !!
अकबर कहे नवाब ने , भिडियों कुण कबाण !
बीरबल भाग्यो बागशा , कला हला करपाण !! १८ !!
जिण दिन कल्लो जनमियो , जग में किधो नाम !
नव गज धरती दल चढ़े , धन - दन कल्ला रो काम !! १९ !!
अण बियाणी बांगडी , जाचक दूध थपोड़ !
सह देवां मा देखिया , कला न थारी होड़ !! २० !!
कल्ला किरत रावली , हेलो कोस हजार !
दुखिया ने सुखिया करो , पधारा राज कुमार !! २१ !!
कलो कड्डोर प्रकटीयो , जग ने दीधो जोत !
जठे दु:खी नर सब सुखी , तले अखारी मौत !! २२ !!
औखद- बाखद आखडी , करूँ न दूजे दौड़ !
मिटे पीड कल्याण सूं , रज कुली राठौड़ !! २३ !!
रुडो गाम रनेलियो , बहु रय्यामणु खेम !
मन हरखे मारू जते , कलो बिचारे केम !! २४ !!
कलो कला सूं कद्दियों , तोड़ तोड़ ता ठोड !

दुःख मिटाबन जगत रो , कुल तारयो राठौड़ !! २५ !!
!! इति !!

3 comments:

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